
सावन में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना गया जी का केन्दुई गांव का प्राचीन नागेश्वर महादेव मंदिर,संतोष सिंह ने बताया मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
गया जी शहर केन्दुई गांव में स्थित एक सौ साल से भी अधिक पुराना भगवान शिव के नागेश्वर मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। विशेषकर सावन माह में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि इस पावन स्थल पर जो भी सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, उसकी हर मन्नत जरूर पूरी होती है।
इस ऐतिहासिक मंदिर के संबंध में गांव के रहने वाले संतोष उर्फ पमपम सिंह और सुनीता देवी संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर ग्रामीणों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। उनके अनुसार यह मंदिर अंग्रेजों के जमाने से भी पहले का है। गांव के पूर्वजों ने इसे बनवाया था और तब से आज तक इसकी पूजा-पद्धति लगातार जारी है।
सावन के सोमवार और नागपंचमी को यहां जलाभिषेक के लिए आसपास के गांवों के साथ-साथ दूर-दराज से भी शिवभक्त आते हैं। हर तरफ “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो जाता है। भक्त जन पवित्र जल लेकर आते हैं और भोलेनाथ को अर्पित करते हैं।
संतोष सिंह ने बताया कि मंदिर में हर साल विशेष पूजा-अनुष्ठान के साथ शिव बारात और भजन-कीर्तन का आयोजन भी होता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके और गांव की पहचान भी बढ़े।
गांव के इस शिव मंदिर ने अब सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सामाजिक एकता का भी प्रतीक बन चुका है, जो पीढ़ियों से लोगों को एक सूत्र में बांधे हुए है। मंगलवार को गांव के लोगों ने पांच ब्राह्मणों के द्वारा नागपंचमी के मौके पर रुद्राभिषेक और पूजा-पाठ कराया गया। मौके पर पुजारी मुखी बाबा, पंकज पाठक, राहुल बाबा, बिहारी लाल, संजय मिश्रा, शुभम कुमार, अवध सिंह, बद्री मालाकार व पियुस सिंह समेत गांव के अन्य लोग मौजूद थे।